
शीर्षक — किसी के बहकावे में आकर हमे अपना रोजगार नहीं छोड़ना चाहिए,हमें अपना दिमाक लगाना चाहिए कि क्या सही है- क्या गलत
राम जी एक कुली था, वह बहुत ही ईमानदार और मेहनती था, दिन भर स्टेशन के बाहर और अंदर जो भी यात्री सामान लाने – ले जाने के बदले जो भी पैसा देता था ,वह रख ले लेता था, और बाकी कुली ये सोचते थे,की यात्री हमे ज्यादा पैसा दे, कुली में सब से उग्र स्वाभाव का कुली रामनाथ था , जो की सारे कुलियों को भड़कता था, की हम लोग हड़ताल करेंगे ,जिस से हमारा पैसा बड़े , सारे कुली उसकी बात मान ने को तैयार हो गए, की हम लोग अब हड़ताल करेंगे, यह बात धीरे-२ सारे कुलियों में फैल गयी, कि आने वाले १ मई को हम सारे कुली हड़ताल करेंगे ,यह सब बात कहने सारे कुली कहने लगे,राम नाथ के साथ हम लोग हड़ताल पर बैठे गे।
फिर जब यह बात राम जी को पता चला कि सरे कुली हड़ताल पर जा रहे है, तो उसने सारे कुली को समझाया ,कि आप लोग किसी के बहकावे में आकर अपने पेट- पर लात क्यों मार रहे है, हमको यात्री जो देते है, वो ठीक है, अगर सोचो हड़ताल के चक्कर में पड़े,तो कही यात्री जायदा पैसा देने के चक्कर में खुद सामान ला – और ले भी जा सकता है, हम लोग केवल स्टेशन तक ही सीमित है, बाकी हर जगह यात्री खुद अपना सामान लाते – ले जाते है, अगर वो खुद ले जायेगे अपना सामान तो हमारे बच्चे को क्या होगा, हमारा रोजगार छिन जाये, हमारा परिवार सड़क पर आ जायेगा , फिर हम लोग क्या करेंगे , हमे अपने मन से विचार करना चाहिए कि हमें क्या करना चाहिए,।
ये सारी बाते उसका बेटा राजू देख रहा था,उसने अपने पिता जी को बुलाया और बोला, कि ये लोग आपस में क्या कर रहे है, फिर राम जी ने बताया कि किसी के बह कावे में आकर ये लोग हद ताल कर रहे है, फिर पूछा कि आप इनको अब कैसे समझाए ,तो राम जी ने कहा कि आप जो हड़ताल कर रहे हो, किसी दूसरे के बहकावे में, आप अपने मन से सोचो कि कही लोग अपना काम स्वयं करेंगे तो तुम क्या करोगे ,तुम्हारा परिवार कैसे चलेगा , ये बात राजू के समझ में आ गयी।
फिर २० साल बाद राजू एक कपडा कंपनी में मैनेजर के पद पर हुआ , राजू से सरे कर्मचारी खुश थे, कंपनी काफी फायदे में थी, फिर अचानक कम्पनी के मालिक कि एक साइट में सारे कर्मचारी हड़ताल कर रहे थे, तो कंपनी के मालिक ने सोचा, कि क्यों न ये साइट बंद कर दिया जाए, उसने राजू से कहा कि एक साइट के सारे कर्मचारी हड़ताल किये है, तो क्यों न वो साइट बंद कर दिया जाए, राजू ने कहा कि सर मुझे एक बार अवसर दे हम वह जाकर पता करते है, तो सर ने कहा ठीकहै, तुम कल चले जाओ।
फिर राजू जब उस साइट पर गया तो सारे कर्मचारी से मिला तो एक कर्मचारी का नाम रोहन था , जो सारे कर्मचारी को भड़का ता था, कि मालिक बेतन तभी बढ़ाएंगे जब हम हड़ताल करेंगे, राजू ने सारी बाते समझा, फिर अगले दिन सारे स्टाफ को बुला कर कहा कि तुम हड़ताल करोगे गे तो मालिक साइट बंद कर देंगे , बेरोजगार तुम होंगे, तुम्हारा परिवार क्या खायेगा, किसी के बहकावे में आकर तुम अपने और अपने परिवार में के पेट- पर लात क्यों मार रहे हो, जरा अपना दिमाक लगाओ।
फिर सारी बात कर्मचारी के समझ में आ गयी फिर उन लोगो ने हड़ताल बंद कर दिया ,फिर जब सर को पता चला कि साइट चल गयी तो वो राजू से पूछे कैसे किये तुमने , तब राजू ने अपने पिता जी कि बात बताई ,जो कुली कि हड़ताल के समय हुई थी, फिर वही आज मैंने किया,
फिर कंपनी में दुबारा कोई हड़ताल पर नहीं गया।
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