
निरहुआ हिंदुस्तानी २ भोजपुरी मूवी स्टोरी इन हिंदी
निरहुआ हिंदुस्तानी 2 ,ब्लॉकबस्टर सुपरहिट भोजपुरी मूवी निरहुआ हिंदुस्तानी सीरीज की एक सीक्वेल फिल्म है इस फिल्म का निर्देशन मंजुल ठाकुर ने किया है निरहुआ हिंदुस्तानी 2 की कहानी गौतम सिन्हा और अरविंद तिवारी के द्वारा लिखी गई है इस फिल्म में मेन किरदार दिनेश लाल निरहुआ, आम्रपाली दुबे और संचिता बनर्जी ने निभाया है इस फिल्म की शूटिंग भरवारा के कलवारी गांव में की गई है ,इस सीक्वल में भोजपुरी इंडस्ट्री में एक नई अभिनेत्री को पेश किया गया है और वह संचीता बनर्जी से अलग नहीं हैं।
निरहुआ हिंदुस्तानी 2 की कहानी वैसे ही शुरू होती है, जैसे यह पहले वाली थी। उसी तरह, निरहुआ शादी करना चाहते हैं लेकिन उन्हें शादी करने के लिए कोई लड़की नहीं मिल रही होती है।एक दिन उनके माता-पिता ने उसकी शादी एक लड़की से करने के लिए व्यवस्था की। शादी के दिन जब निरहुआ उस लड़की को देखता है तो उसे वह लड़की उसे पसंद नहीं आती है और निरहुआ की शादी उसके घर वाले उस लड़की के साथ जबरदस्ती करवाना चाहते है। तो वह मंडप में बैठा हुआ होता है और टॉयलेट जाने के बहाने से वह मंडप से ही भाग जाता है और वह अपने दोस्त जिसका नाम कुनरु है उसके साथ मुंबई को चला जाता है इस तरह वह भाग कर एक बार फिर से मुंबई पहुंच जाता है। और वह मुंबई पहुंच कर बजरंग बलि सिक्योरिटी गार्ड कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी ज्वाइन करता है शहर में प्रवेश करने के बाद निरहुआ को कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।ऐसी दौरान वह पर एक लड़की जिसका नाम संचित बनर्जी जो की एक बड़े बिज़्नेस मैं की बेटी होती है, उससे निरहुआ की तकरार होती है ,अंत में, वह संचीता के घर में एक सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने लगता है और जब संचिता निरहू को अपने घर के गेट पर देखती है तो उसे डांटती है और उसे नौकरी से निकले की बात भी कहती है….
लेकिन किसी तरह निरहुआ अपने आप को बचा लेता है , और वह 1 दिन फिर सचिता को जब वह पार्क में अपने दोस्तों के साथ फुटबॉल खेल रही होती है तो फिर से निरहुआ उसे चैलेंज देकर छेड़ता है इसी कारण सचिता पुलिस को बुलाकर निरहुआ को थाने में बंद करवा देती है जब यह बात निरहुआ के दोस्त कुंदरू को पता चलती है तो वह निरहुआ को छुड़ाने के लिए थाने जाता है, तभी उसी समय थाने में लगे टीवी पर यह न्यूज़ सुनाई देती है -जैसा क्यों मैं अपने दर्शकों को बता दूं की आज तक की सबसे बड़ी रॉबरी अंधेरी वेस्ट के आईसीसीआई बैंक के चेस्ट ब्रांच में हुई थी इसी ब्रांच में आईसीसीआई का सारा पैसा रखा जाता है जो कि चोरी हो गया था पुलिस उन अज्ञात लुटेरों को पकड़ने के लिए जगह जगह पर छापे मार रही है ,और थाने में बंद निरहुआ जब यह न्यूज़ सुनता है तो वह कहता है कि हमें पता है कि यह चोरी किसने की है यह सुनकर सभी चौक जाते हैं और यह बात सुनकर तुरंत वहां पर सीआईडी वाले आ जाते हैं और निरहुआ से पूछताछ करना शुरू कर देते हैं बहुत कोशिशों के बाद भी निरहुआ उनको सच नहीं बताता है सीआईडी वाले उससे बहुत परेशान हो जाते हैं तभी वहां पर इंश्योरेंस कंपनी वाले आते हैं और वह सीआईडी वालों से रिक्वेस्ट करते हैं कि हमें निरहुआ से सच बुलवाने का एक मौका दें और सीआईडी वाले उनकी बात मान लेते हैं निरहुआ इंश्योरेंस वालों से एक शर्त रखता है कि हमारी शादी सचिता से करवा दो तो हम सच बता देंगे…
इंश्योरेंस वाले यह प्रस्ताव लेकर सचिता के पास जाते हैं कि वह निरहुआ से शादी करने का नाटक कर ले लेकिन सचिता इस प्रस्ताव को मना कर देती है फिर आखिर कार इंश्योरेंस वाले पिता को निरहुआ से शादी करने के लिए मना लेते हैं और थाने में ही सचिता की शादी निरहुआ से करवा देते हैं और फिर निरहुआ सुहागरात कराने की जिद करता है और एक फाइव स्टार होटल में निरहुआ की सुहागरात मनाते हैं और निरहुआ वहां से भाग जाता है और 100 करोड़ की हुई रॉबरी का पर्दाफाश कर देता है और फिर निरहुआ वहां से किरण( सचिता) के घर जाता है और वहां पर निरहुआ की किरण से बहस होती है और मामला कोर्ट तक पहुंच जाता है और वहां पर कोर्ट फैसला करता है कि किरण जो अपराध किए हैं उसके कारण किरण को निरहू के साथ 1 साल तक पत्नी बन के उसके साथ रहना पड़ेगा और निरहुआ किरण को लेकर गांव चला आता है और वहां किरण को निरहुआ से उसके घरवालों से लगाओ हो जाता है सब कुछ ठीक चलने लगता है..
एक दिन किरण को उसकी सहेली का फोन आता है तभी उसको पता चलता है कि उसे कैंसर है वह बहुत चिंतित हो जाती है और फिर उसी दिन से निरहुआ उसके घरवालों से नफरत करने का नाटक करने लगती है कि ताकि वह उसे भूल कर किसी दूसरी लड़की से शादी कर ले और अपना वंश आगे बढ़ाएं क्योंकि वह जानती है कि उसकी जिंदगी ज्यादा नहीं है नहीं चाहती है कि उसके कारण निरहुआ या उसके घर वालों को उसका दुख सहना पड़े एक दिन निरहुआ दूसरी लड़की से शादी कर लेता है और उसे अपने घर ले आता है ,
और फिर 1 दिन किरण मंदिर जाति हैं और अपने कैंसर की बात भगवान से कह रही होती तभी मंदिर के पीछे खड़ा निरहुआ यह बात सुन लेता है और फिर निरहुआ किरण से सच बताने को कहता है तब किरण निरहुआ को सारा सच बता देती है और वहां पर किरण निरहुआ से अपनी कसम देकर किसी से या बात ना करें का वचन लेती है और वहीं पर खड़ी निरहुआ की दूसरी बीवी भी या बात सुन लेती है..
1 दिन निरहुआ की मां किरण के मुंह पर कालिख पोतना चाहती है निरहुआ अपनी मां को मना करता है लेकिन उसकी मां नहीं मानती है तभी निरहुआ की दूसरी बीवी सबको सारा सच बताती है कि किरण दीदी को कैंसर है और यह जो कुछ भी कर रही हैं हम सब लोगों के भले के लिए ही कर रही हैं और फिर यह सच जब उसके घर वालों को पता चलता है तो उनको अपने ऊपर बहुत पछतावा होता है और किरण को बहुत मानने लगते हैं, उसके बाद फिर निरहुआ के दूसरी बीवी को एक बेटा होता है और उसके बाद किरण की मृत्यु हो जाती है और फिर यहीं पर समाप्त हो जाती है..
इस फिल्म से यह सीख मिलती है कि यदि हम किसी के दुख के बारे में नहीं जानते हैं तो उसको जानबूझकर दुख नहीं देना चाहिए क्या पता उसका दुख आपके सुख के लिए ही हो और फिर इस फिल्म से हमें यह भी सीख लेना चाहिए कि हमें किसी इंसान को अपने सुख के लिए दुख नहीं देना चाहिए.
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