
यह दिल मूवी स्टोरी इन हिंदी
इस फिल्म में रवि और वसुंधरा नाम के दो व्यक्ति होते हैं रवि और वसुंधरा दोनों एक ही कॉलेज में एक साथ पड़ रहे होते हैं रवि वसुंधरा को प्यार से वासु बुलाता था रवि की मम्मी बचपन में ही खत्म हो जाती है सिर्फ रवि के पिता ही होते हैं रवि के पापा बहुत पैसे वाले होते हैं और वसुंधरा एक गरीब बाप की बेटी होती है रवि और वसुंधरा स्कूल में एक साथ पढ़ते हैं वसुंधरा पढ़ने में बहुत अच्छी होती है और रवि पढ़ने में बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है वह हर साल फेल हो जाता है वसुंधरा रवि को पढ़ाने में बहुत मदद करती थी वह रोज रवि को स्कूल में अपने साथ बैठाकर पढ़ाती थी उसके दोस्त रोज-रोज रवि और वसुंधरा को साथ में देखते थे तो बहुत चिढ़ाते थे कि तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो इन सब बातों से परेशान होकर रवि वसुंधरा से कहता है चलो वासु कहीं अलग चलकर पढ़ाई करते हैं वासु पूछती है कहां तो रवि कहता है मेरे घर पर चलो वहीं पढ़ाई करते हैं तो वास्तु कहती है ठीक है वह दोनों घर में पढ़ाई कर रहे होते हैं सभी वहां रवि के पापा आ जाते हैं और रवि से पूछते हैं यह कौन है तो रवि कहता है पापा यह मेरी दोस्त वासु है हम दोनों साथ में पढ़ते हैं उसके पापा वासु से पूछते हैं तुम्हारे पापा क्या करते हैं वासु कहती है दूध में व्यापारी हैं रवि के पापा को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है कि उसका बेटा एक मामूली सी दूध बेचने वाली की लड़की के साथ घूमे वह वासु की बहुत भेजती करते हैं वासु रोते हुए अपने घर चली जाती है और दूसरे दिन दोनों स्कूल में फिर मिलते हैं तो रवि वासु से अपने पापा की तरफ से माफी मांगता है वासु कहती है कोई बात नहीं रही स्कूल में छुट्टी होने के बाद रवि वासु को को उसके घर छोड़ने जाता है वासु के पापा पूछते हैं वासु यह लड़का कौन है वासु कहती है पापा यह मेरा दोस्त है और वासु के पापा नहीं मानते हैं और वासु से बार-बार पूछते हैं कि सच सच बता यह कौन है तो वासु गुस्सा होकर कहती है यह मेरा पति है मैं उससे प्यार करती हूं यही सुनना चाहते थे ना आप सुन लिए…
वासु की बुआ भी यही रहती है वह बहुत दुष्ट होती हैं वह वासु से बहुत जल्दी रहती है सुबह होती है वासु फिर स्कूल के लिए तैयार हो जाती है और स्कूल चली जाती है अभी और वासु दोनों फिर कॉलेज में मिलते हैं क्लास में सर रवि से एक सवाल पूछते हैं रवि खड़ा हो जाता है परंतु उसको उस सवाल का जवाब नहीं पता होता है वासु अपनी बुक को ऊपर से उठाकर उस सवाल का जवाब रवि को दिखा देती है और रवि सर को बता देता है उस दिन से रवि वासु से बहुत प्यार करने लगता है छुट्टी होने के बाद रवि वासु को छोड़ने फिर उसके घर जाता है यह देखकर वासु के पापा बहुत गुस्सा हो जाते हैं और कुछ गुंडों से रवि को पिटवा देते हैं वसुंधरा को उसके दोस्तों से पता चलता है कि रवि को गुंडे मार रहे हैं वह भागती हुई वहां पहुंच जाती है और रवि को बचा लेती है फिर अभी और वासु एक दूसरे के गले लग जाते हैं रवि के घर में पार्टी होती है वह वासु को फोन करके बुलाता है उसके बाद वास्तु रवि के घर जा रही होती है तभी उसकी बुआ उससे जाने से मना कर देती है वह गुस्सा होकर कहती है कि मैं रवि के घर जरूर जाऊंगी देखती हूं कि मुझे कौन रोकता है वह बुआ की बात नहीं सुनती है और चली जाती है उसी पार्टी में रवि के पापा उसकी इंगेजमेंट किसी दूसरी लड़की से कराना चाहते हैं पर रवि मना कर देता है और उसी पार्टी में रवि सबके सामने कहता है कि मैं वासु से प्यार करता हूं मैं सिर्फ वासु से ही शादी करूंगा…
वह वासु के साथ पार्टी में डांस करता है और उसके पापा यह सब देख कर मन ही मन गुस्सा होते रहते हैं वह गुस्सा होकर पार्टी से चले जाते हैं रवि के पापा का पुलिस वाला एक दोस्त होता है वह सारी बातें उससे बताते हैं उसके बाद पुलिस वाला वासु के पापा को थाने में बुलाकर कहता है कि अपनी बेटी को समझा दो कि वह रवि से मिलना जुलना छोड़ दे वसुंधरा के पापा वासु को समझाते हैं कि तुम आज के बाद रवि से कभी नहीं मिलोगी उधर रवि अपने पापा से कहता है पापा मेरी शादी वसु से करवा दो उसके पापा कहते हैं ठीक है वासु को यहां बुलाओ मुझे उससे कुछ बात करनी है वासु और उसके पापा रवि के घर आते हैं और रवि के पापा का हुआ पुलिस वाला दोस्त भी आता है रवि के पापा और उसका दोस्त मिलकर एक साजिश रचते हैंऔर उन दोनों से कहते हैं ठीक है मैं तुम दोनों की शादी करवा दूंगा पर हम दोनों की एक शर्त है रवि कहता है आप जो कहेंगे हम वह करने के लिए तैयार हैं उसके पापा कहते हैं जब तक तुम दोनों की शादी नहीं हो जाती है तुम दोनों को एक दूसरे से दूर रहना होगा रवि कहता है ठीक है फिर सब अपने अपने घर चले जाते हैं रवि के पापा धोखे से रवि को वासु से दूर करने के लिए रवि को मुंबई भेज देते हैं इधर वासु के पापा भी वासु को घर से लेकर बहुत दूर चले जाते हैं इस तरह वह दोनों एक दूसरे से बहुत दूर हो जाते हैं वासु का आना जाना बंद हो जाता है वह सिर्फ कालेज के लिए जाती थी वह भी अपने बुआ के साथ उसकी क्लास में उसके साथ बैठती थी ताकि वह किसी से किसी प्रकार की बात ना कर सके …
रवि वहां मुंबई में होता है उसको वासु की बहुत याद आती है वह वासु के घर पर फोन करता है फोन की रिंग करती रहती है पर कोई फोन रिसीव नहीं करता है रवि बहुत रोता है रवि के पापा रवि से फोन छीन कर तोड़ देते हैं और रवि को एक कमरे में बंद कर देते हैं रवि किसी तरह फोन को जोड़ता है और वासु की सहेली को फोन करता है तो वह सारी कहानी रवि को बताती है फिर कभी उसको अपना नंबर बताता है और कहता है कि वासु से कहना इसी नंबर पर फोन करेगी और फिर वासु किसी तरह से रवि को फोन करती है दोनों खूब रोते हैं एक दूसरे के लिए तभी उसकी बुआ को पता चल जाता है तो उसकी बुआ वासु को बहुत मारती हैं और वासु को घर से नहीं निकलने देती उसकी शादी उसके पापा कहीं और तय कर देते हैं यह बात सुनकर वासु अपने घर से चोरी से भाग जाती है और वह रवि से मिलने के लिए मुंबई जाती है और इधर रवि वासु से मिलने के लिए वासू के घर आता है वासु जब मुंबई उसके घर पहुंचती है तो रवि वहां नहीं मिलता है का नौकर बताता है कि रवि यहां नहीं है वासु को रवि के पापा देख लेते हैं और कुछ गुंडों को उसे पकड़ने के लिए भेज देते हैं रवि के घर का नौकर वासु को कुछ पैसे देकर कहता है बेटा तुम यहां से भाग जाओ नहीं यह लोग तुम्हें मार डालेंगे वासु किसी तरह वहां से भागती हुई रेलवे स्टेशन पर पहुंचती है और ट्रेन में बैठ जाती है…
इत्तेफाक से रवि भी उसी ट्रेन में बैठा होता है पर एक दूसरों को पता नहीं होता है वासु को जब प्यास लगती हैतो वह बोतल भरने के लिए स्टेशन पर उतरती है और थोड़ी देर बाद रवि भी उतरता है पर वह एक दूसरे को नहीं देख पाते हैं और ट्रेन में फिर से बैठ जाते हैं जब ट्रेन चल देती है तभी वासु को खिड़की से रवि नजर आता है और बहुत तेज से रवि को आवाज देती है पर रवि नहीं सुनता है वास्तु चलती ट्रेन से नीचे कूद जाती है तभी रवि पीछे मुड़कर देखता है फिर उसे उठाकर रवि हॉस्पिटल ले जाता है और वासू वहां ठीक हो जाती हैदोनों कहीं बहुत दूर चले जाते हैं और रहने लगते हैं…
फिर एक दिन रवि के पापा द्वारा भेजे गए गुंडे वहां पर पहुंच जाते हैं और वासु को बहुत मानते हैं तभी रवि वहां पर आ जाता है और उनकी खूब पिटाई करता है फिर वासु को अपने कंधे पर लाद लेता है और अपने पापा के पास पहुंचता है और कहता है पापा ऐसी हरकत करते हुए आपको शर्म नहीं आई फिर रवि अपने पापा को चैलेंज करता है कि कल दोपहर 2:00 बजे स्कूल की गली में आ जाना मैं वासू के गले में वहीं पर मंगलसूत्र पहनाऊंगा रवि के पापा कुछ गुंडों को लेकर वहां पर आ जाते हैं की तरफ से उसके कॉलेज के सारे दोस्त होते हैं वह सबके सामने वासू को मंगलसूत्र पहना कर सात फेरे ले लेता हैउसी समय वासू के मम्मी पापा और बुआ भी आ जाते हैं और सब खड़े देखते रह जाते हैं उसके पापा वहां से गुस्सा हो कर चले जाते हैं और वासु के पास जाकर अपनी सारी गलतियों की माफी मांगते हैं और वासु और रवि को आशीर्वाद देते हैं दोनों साथ में रहने लगते हैं और यहीं पर समाप्त हो जाती है
इस फिल्म से यह सीख मिलती है यदि कोई दो सच्चे प्यार करने वाले हैं तो उन्हें कोई जुदा नहीं कर सकता उनका साथ देने के लिए पूरी दुनिया खड़ी हो जाती है.
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